मैंने इस से पहले भी दो ब्लॉग पोस्ट किए थे पर नेट के कारन वो पोस्ट नही हो पाए,मैं अपनी जानू को दिल से सॉरी बोल रहा हूँ की प्लेस वो मुझे माफ़ कर दे और मुझसे नाराज़ न हो,वैसे वो इतनी प्यारी है है की मुझे मफ्फ़ कर देगी और मुझसे कभिनाराज़ भी नही होती.लडाई होती है पर लडाई किस रिश्ते में नही होती,हम उन्ही से लड़ते है जिनसे हम प्यार करते है.मैं अपनी जानू को खूब प्यार करता हूँ.बेटा तुम कैसी हो,तुमसे मिलने को खूब मनन करता है ऐसा लगता है की कैसे मैं वो पुराने दिन वापस ले कर आ जाऊ.आपका वो प्यार वो बातें और वो गुस्सा करना खूब याद आता है,सबसे जादा तुम्हारी वो मार याद आती है जिसकी कमी में मैं मोटा हो गया हूँ,आज भी मेरा पेट तुम्हारी मार को तरसता है।
इ लव U जान्नु.
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